Rescue : आजादी के बाद राजस्थान में सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन, 504 प्रभुजनों को मिला अपना घर

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भरतपुर. अपना घर आश्रम भरतपुर की ओर से 7 दिवसीय रेस्क्यू  (Rescue) मिशन पूरे राजस्थान में चलाया गया। इसमें 504 प्रभुजनों को रेस्क्यू किया गया, जिनमें 74 महिला प्रभुजी शामिल हैं। इन प्रभुजनों में मनोरोगी, मंदबुद्धि, लाचार, वृद्ध, हड्डी टूटे हुए, अपाहिज, अंग विहिन, कैंसर, कीड़े पडे हुए घायल आदि शामिल हैं।

इस अभियान में कई गम्भीर हालत मे भी प्रभुजन मिले जिनमें  से एक प्रभुजी को बांसवाड़ा से लाया गया, उन्होंने लाते समय रास्ते में ही अन्तिम सांस ले ली, जिनका विधि विधान से बांसवाड़ा में पुनः लौटकर अन्तिम संस्कार किया गया।

भारत की आजादी से लेकर अभी तक यह अपनी तरह का किसी भी संस्था का इतना बड़ा किसी राज्य में पहला विशेष रेस्क्यू अभियान था, जो देश में क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बडे राज्य राजस्थान  में चलाया गया।

इसमें कुल 20 रेस्क्यू टीमें 40 एम्बूलेन्स, 20 प्रभारी एवं 200 से अधिक सेवासाथी राजस्थान के सभी 22 आश्रमों से लगे तथा दूसरे राज्यों के आश्रमों की एम्बुलेन्स व सेवासाथियों को भी मिशन की व्यवस्थाओं को संभालने के लिए बुलाया गया था।

इस अभियान में राजस्थान के सभी बॉर्डर एम.पी., गुजरात, पंजाब, हरियाणा तथा श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर व बाडमेर में पाकिस्तान बॉर्डरों तक एम्बुलेन्स रेस्क्यू करते हुए राज्य के सभी 50 जिलों के 500 से अधिक थाना क्षेत्रों में पहुंची सभी 40 एम्बुलेंसों ने राज्य भर में कुल 54000 किलोमीटर की दूरी तय की है।

रेस्क्यू किये गये प्रभुजनों में से 120 प्रभुजनों को अपना घर आश्रम भरतपुर तथा अन्य 384 प्रभुजनों को राज्य के अन्य 21 आश्रमों में भर्ती किया कर उन्हें आवास, चिकित्सा एवं सेवा के साथ सभी आवश्यक जरूरतें उपलब्ध कराई जा रही हैं।

इस अभियान की विशेष बात यह रही कि यह अभियान संस्था के साथ, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, पुलिस विभाग, सेवाभावी संगठन एवं आम नागरिक का नजर आया। इसमें सभी ने अपने – अपने स्तर पर अहम भूमिका निभाई।

जयपुर के झालाना क्षेत्र से एक प्रभुजी 30 फुट गहरे पक्के नाले में मिले जिन्हें नसैनी नाले में लगाकर जयपुर संभाग की टीम ने बडी मशक्कत के साथ निकालकर रेस्क्यू किया।

 

24 साल से भरतपुर में चल रही विश्व की सबसे बड़ी सेवा स्थली

अपना घर अब 6 हजार से ज्यादा प्रभुजन, एक ही रसाई में बनता है खाना
जिनका कोई ठिकाना यानी घर नहीं होता उनका अपना घर होता है। ब्रज वारिश सेवा सदन की ओर से भरतपुर के बझेरा गांव में दो कमरों में डॉ. बीएम भारद्वाज और उनकी पत्नी डाॅ. माधुरी भारद्वाज ने जून 2000 अपना घर शुरू किया। अब यह 45 एकड़ में फैला विश्व का सबसे बड़ी सेवा स्थली बन गया है। सबसे पहले यहां शहर के मानसिक रोगियों और बेसहारा लोगों को लाकर रखा जाने लगा।
इलाज और अच्छे रहन सहन से कई लोग जीवन की मुख्य धारा में जुड़ गए। जो लोग घरों से बिछुड़ गए उन्हें मिलाने में अपना घर माध्यम बना। वर्तमान में अपना घर का 6248 प्रभुजी का विशाल परिवार विश्व का सबसे बड़ा परिवार है। ये सभी प्रभुजी हैं। डाॅ. भारद्वाज दंपती इन्हें प्रभु के रूप में देखते हैं। देश में इनकी 61 शाखाएं और विदेश में नेपाल में एक शाखा संचालित है। लेकिन इनकी बेलेंसशीट एक ही है। यहां 98 प्रतिशत पैसा चैक से ही जमा होता है और 98.5 प्रतिशत भुगतान भी ऐसे ही होता है।
अपना घर में 200-200 प्रभुजी की यूनिट बनाई हुई हैं। इनके मनोरंजन के लिए यहां िथएटर भी बना है, जहां हर दिन अलग-अलग यूनिट को फिल्म दिखाने लाया जाता है। यहां कैफेटेरिया है, जहां इन लोगों को उस दिन उनकी मर्जी का भोजन िखलाया जाता है।

शॉपिंग कॉम्प्लेक्स भी है, जहां से ये सामान खरीद सकते हैं। लेकिन ये सभी सुविधाएं मुफ्त संचालित हैं, जिससे उन्हें परिवार की तरह माहौल मिल सके। हालांकि यहां प्रभुजी की ओर से चप्पल और अगरबत्ती उद्योग भी संचालित है। इसकी बिक्री के लिए आश्रम के बाहर दुकानों का निर्माण चल रहा है।

इतना बड़ा परिवार होने के बाद भी खर्चे के लिए न तो आज तक कोई दान मांगने गया और न ही सरकारी सहायता ली। जब भी किसी चीज की डिमांड होती है तो भगवान के लिए चिट्ठी लिख दी जारी है और उसकी व्यवस्था हो जाती है। यहां एक किचन में  पूरे परिवार का खाना बनाया जाता है। जो बचता है उसे गौशाला में िखला दिया जाता है।
डॉ. बीएम भारद्वाज कौन बनेगा करोड़पति में भी पहुंच चुके हैं।

यहां की व्यवस्थाएं और सिस्टम भी बेहतर है । रजिस्ट्रेशन के बाद प्रभुजी को सबसे पहले सेवा संगम एवं अभिषेक भवन में ले जाया जाता है। जहां उसकी सफाई के साथ मेडिकल जांच कराई जाती हैं।  जांच रिपोर्ट के आधार उसे भवन आवंटित होता है।

यहां महिला और पुरुष प्रभुजी के लिए अलग-अलग भवन हैं उनमें करीब एक किलोमीटर की दूरी है। दोनों ही स्थानों पर बाल सदन, वृद्धों के लिए परम सेवा गृह, मातृ सदन, वरिष्ठ नागरिक गृह, एचआईवी सदन, टीबी सदन, मिर्गी सदन, विशिष्ट सदन,, मानसिक रूप से अस्वस्थ प्रभुजी सदन, मंदबुद्धि सदन, आइसोलेश होम,  दादा-नानी सदन, परिवार से अस्वीकृत प्रभुजी सदन, शारीरिक रूप से अक्षम माताओं के लिए सदन, हैपेटाइटिस सदन, हीलिंग होमख् ऑर्थो सदन, गर्भवती महिला सदन, अन्य रोगियों के लिए सदन, स्वयं सेवक प्रभुजी सदन, व्यवसायिक प्रिशक्षण केन्द्र, किचिन सेक्शन, जीव सेवा सदन, आठवीं तक स्कूल है

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