Child Hospital : सरकार! हमें चाहिए 300 बेड का शिशु अस्पताल, 5 मंजिला नए भवन के लिए बनवाया 100.84 कराेड़ का एस्टीमेट

प्रदेश की भजनलाल सरकार ने पहले बजट में की थी अलवर के शिशु वार्ड से शिशु विभाग में उन्नयन की घाेषणा, अस्पताल प्रशासन ने अारएसअारडीसी से एस्टीमेट बनवा कर सरकार काे भेजा -सरकार से स्वीकृति मिली ताे शिशु अस्पताल काे क्रिटीकल केयर यूनिट के नए भवन में शिफ्ट कर पुराने भवन काे डिस्मेंटल कर बनेगा नया भवन, एेसी है अस्पताल प्रशासन की प्लानिंग

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अलवर. सरकार हमें 300 बेड का शिशु अस्पताल Child Hospital चाहिए। इसके लिए 100.84 कराेड़ का 5 मंजिला नए भवन का निर्माण किया जाएगा। नए भवन के निर्माण के दाैरान वर्तमान में संचालित शिशु अस्पताल काे क्रिटीकल केयर यूनिट के नए भवन में शिफ्ट किया जा सकेगा। 40 कराेड़ की लागत से यह यूनिट राजीव गांधी सामान्य अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन है। मेडिकल काॅलेज के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल प्रशासन ने राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम लिमिटेड (आरएसआरडीसी) से शिशु अस्पताल के मल्टी स्टाेरी (जी प्लस 5) नए भवन का एस्टीमेट बनवाकर सरकार काे भेज दिया है। पुराने शिशु अस्पातल काे डिस्मेंटल कर नए भवन का निर्माण किया जाएगा। जगह की कमी हाेने पर पार्किंग बेसमेंट में बन सकेगी।

जयपुर काे छाेड़कर प्रदेश में जिला स्तर पर यह पहला अस्पताल है, जहां शिशु अस्पताल का संचालन अलग से किया जा रहा है अाैर वहां शिशु राेग विशेषज्ञ की माैजूदगी में 24 घंटे इमरजेंसी सेवा संचालित है। शिशु विभाग के अपग्रेड करने के लिए अस्पताल प्रशासन का तर्क है कि यहां राेजाना 700 से 800 मरीजाें की ओपीडी रहती है, जिसमें करीब 200 से 250 मरीज दूसरे जिले या अन्य राज्याें के हाेते हैं।

अब यहां करीब 150 से 200 बेड के वार्ड, 40 या उससे अधिक की एफबीएनसी सहित अन्य वार्डाें में भी जरूरत के मुताबिक बेड संख्या बढ़ाने की जरूरत है।  साथ ही 70 से अधिक नर्सिंग कर्मी और कार्य की जरूरत के मुताबिक वार्ड ब्वाॅय, सफाई कर्मी अाैर सुरक्षा कर्मी की जरूरत हाेगी। अभी यहां 13 शिशु राेग विशेषज्ञ हैं, जबकि अपग्रेड हाेने पर यहां 20 से अधिक डाॅक्टराें की जरूरत हाेगी, जिससे बेहतर इलाज मिल सके।

शिशु अस्पताल की वर्तमान स्थिति और सुविधाएं

  • शिशु अस्पताल में वर्तमान में 40 बेड हैं, जिन पर कभी-कभी 100 से अधिक राेगी भर्ती करने पड़ते हैं। इनमें 30 प्रतिशत अन्य जिले व राज्याें के हाेते हैं।
  • अस्पताल की एफबीएनसी में 20 रेडियंट वार्मर लगे हैं, जिनमें राेगी भार अधिक हाेने पर  30 से ज्यादा नवजात भर्ती करने पड़ते हैं।
  • अस्पताल में अापातकालीन ईटाट वार्ड संचालित है, जिसमें 7 बेड लगे हैं, जाे हमेशा फुल रहता है।
  • अस्पताल में 8 बेड का पीअाईसीयू संचालित है, जिसमें अधिकांश बेड़ाें पर गंभीर मरीज भर्ती रहते हैं।
  • यहां 10 बेड का एमटीसी वार्ड (कुपाेषित बच्चाें के लिए), 20 बेड का एमएनसीयू वार्ड संचालित है, जाे पिछले साल ही बनकर तैयार हुअा है।

आरएसआरडीसी ने बनाया नए भवन का एस्टीमेट

   सुविधा                                      एस्टीमेट लाखाें में

  • बेसमेंट                                        1164.04
  • जी प्लस 5 भवन                            7344.91
  • वाटर हार्वेस्टिंग                              61.59
  • 2 ट्यूबवेल                                    38.38
  • 4 लिफ्ट                                       150.61
  • फायर डिडेक्टर व फाइटिंग सिस्टम       430.31
  • सीसीटीवी                                     446.9
  • एयर कंडीशनिंग वर्क                        446.9

शिशु वार्ड के रूप में संचालित अस्पताल के विभाग में अपग्रेड की बजट में घाेषणा हुई। अब इसे अपग्रेड कराया जाना है। इसमें स्टाफ सहित सुविधाएं बढ़ेंगी। आरएसआरडीसी से पुराने भवन की जगह नए भवन के लिए 100.84 कराेड़ का प्रस्ताव बनवाकर भिजवाया है, जिसकी क्षमता 300 बेड तक की हाेगी। मंजूरी मिलने के बाद कार्य शुरू हाेगा।
डाॅ. सुनील चाैहान, पीएमओ राजीव गांधी सामान्य अस्पताल अलवर

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