नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर लगभग दो साल पहले दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतें अब खुले जंगल में विचरण कर सकेंगे। ये अब कूनो (Kuno) तक ही सीमित नहीं रहेंगे। सरकार ने जल्द ही इन चीतों को सीमित दायरे वाले जंगल की जगह मुख्य जंगल में छोड़ने का निर्णय किया है। इसी के साथ, सरकार ने चीतों की अगली खेप की आमद को लेकर भी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
बताया जाता है कि अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में ये चीते बेरोक-टोक जंगल में राज करेंगे। दरअसल, कुछ समय पहले ही चीता स्टेयरिंग कमिटी की मीटिंग हुई, जिसमें इस पर सहमति बनी और कमेटी ने इसके लिए इजाजत दे दी। कमेटी का मानना है कि विदेशी धरती से आए ये चीजें अब भारतीय परिवेश व आबोहवा के हिसाब से अच्छी तरह से रम गए हैं। इन्हें अब खुले जंगल में छोड़ा जा सकता है। अब इन चीतों की सीमा सिर्फ कूनो तक सीमित नहीं रहेगी।
जब पिछली बार इन चीतों को कूनो में छोड़ा गया था तो यह कुनो से निकलकर मध्य प्रदेश के दूसरे हिस्सों, यूपी व राजस्थान तक पहुंच गए थे। इन पर निगरानी करने वालों की नजर इन पर पड़ी तो इन्हें वापस लाया गया। पर्यावरण, वन संरक्षण व वायु परिवर्तन मंत्रालय के मुताबिक अब इन्हें वापस नहीं लाया जाएगा। इस बार इन्हें जब जंगल में छोड़ा जाएगा तो यह कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र होंगे।
इस दौरान चीता जिस राज्य की सीमा में घूमेंगे। उनके भोजन, सुरक्षा और संरक्षण की जानकारी संबंधित राज्य के वन विभाग की होगी। यह फैसला पिछले दिनों राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के वन विभाग के अधिकारियों की एक वर्कशॉप में लिया गया।अभी ये सभी चीजें एक बड़े से इलाके में रह रहे हैं, जहां उनके भोजन और स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है।
कूनो में अब 12 वयस्क और 12 शावक चीते
गौरतलब है कि फिलहाल कूनों में 12 वयस्क व 12 शावक चीते रह रहे हैं। फिलहाल इन चीतों में वायु और पवन नामक चीतों को छोड़ा जाएगा, फिर थोड़े-थोड़े अंतराल बाद दो-दो के बैच में बाकी चीतों को जंगल के हवाले किया जाएगा। पहले वयस्कों फिर शावकों को छोड़ा जाएगा। इससे पहले भी साल 2023 में दो-दो संख्या में ही दो बार चीतों को छोड़ा गया, लेकिन यूपी व राजस्थान तक इनकी पहुंच के चलते व इनके स्वास्थ्य के चलते इन्हें वापस लाना पड़ा था।
अगली खेप केन्या से आएगी
अगली खेप केन्या से आएगी, जिसमें आठ से नौ वयस्क चीते होंगे। इनमें नर व मादा दोनों होंगे। इसके मद्देनजर मंत्रालय की एक टीम जल्द ही केन्या का दौरा करेगी। मंत्रालय से जुड़े एक आला सूत्र का कहना था कि नई खेप के गांधी सागर वन्य जीव अभ्यारण्य में बसाने की योजना है। चूंकि गांधी सागर अभ्यारण छोटा है, इसलिए यहां चीतों की तादाद कम रहेगी।
वहीं इस अभ्यारण उनके लिए सभी तैयारियों को करीब करीब पूरा कर लिया है। चीता के भोजन के लिए चीतल और दूसरे जंगली जीवों को दूसरे वन्य जीव अभ्यारण्यों से लाकर यहां छोड़ा जा चुका है, ताकि मेहमान चीतों के लिए किसी भी तरह से आहार की कोई कमी न रहे।