मुंबई. Maharashtra मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूटीबी) का शनिवार शाम दशहरा कार्यक्रम हुआ। शिंदे गुट ने साउथ मुंबई के आजाद मैदान में, तो उद्धव गुट ने दादर के शिवाजी पार्क में रैली की।
उद्धव ने कहा- हम असली शिवसेना हैं और बाला साहेब ठाकरे का नाम मेरे साथ है। मैं RSS प्रमुख मोहन भागवत का सम्मान करता हूं, लेकिन मुझे उनके विचार पसंद नहीं हैं। वो कह रहे हैं कि हिंदुत्व को बचाने के लिए एक साथ आओ, आपने या मोदी ने पिछले 10 सालों में हिंदुत्व को क्यों नहीं बचाया।
इधर, आजाद मैदान में सीएम शिंदे ने कहा- पहले सभी को लगता था कि शिंदे सरकार 2-3 महीने में गिर जाएगी, लेकिन सरकार ने 2 साल पूरे कर लिए। बाला साहेब ने कहा था, अन्याय मत सहो। जब अन्याय होने लगा तो हमने विद्रोह कर दिया। अगर हमने विद्रोह नहीं किया होता तो शिवसैनिक कुचले गए होते। सच्चे शिवसैनिकों का अपमान होता। महाराष्ट्र कई साल पीछे चला गया होता।
एकनाथ शिंदे बोले- बाल ठाकरे के विचारों और विचारधाराओं के साथ विश्वासघात किया
उद्धव ठाकरे की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि उनकी पार्टी ने शिवसेना को उन लोगों से मुक्त कर दिया है जिन्होंने बाल ठाकरे के विचारों और विचारधाराओं के साथ विश्वासघात किया था। एकनाथ शिंदे ने हिंदुत्व का मुद्दा उठाकर सीधे तौर पर ठाकरे की आलोचना की है।
शिंदे ने कहा कि ‘गर्व से कहो हम हिंदू हैं’ शब्द से कुछ लोगों को शर्म आती है। कुछ लोगों की जुबान पर अब हिंदू शब्द बोलने की बंदिश हो गई है। हीरे के पेट में कंकड़-पत्थर पैदा हो गए हैं। हमें यह कहते हुए गर्व है कि ‘गर्व से कहो हम हिंदू हैं’।
जब महाविकास अघाड़ी को घर भेजकर हमारी सरकार आई तो कुछ लोगों ने कहा कि सरकार 15 दिन ही चलेगी। छह महीने में गिर जाएगी, लेकिन जनता के आशीर्वाद से दो साल पूरे हो गए। शिंदे ने विधानसभा चुनाव को लेकर ठाकरे को चेतावनी दी है कि वे मुझे हल्के में न लें।
शिंदे ने कहा कि बाला साहेब अपने भाषण की शुरुआत ‘मेरे सभी हिंदू भाई-बहन और माताएं जो इकट्ठे हुए’ के साथ करते थे। तब मेरे साथ-साथ सभी लोग उत्साहित हो जाते थे। यह बात हर किसी को याद है।
‘गर्व से कहो हम हिंदू हैं’ ये गर्जना बाला साहेब ने देश को दी थी। लेकिन कुछ लोगों को इस शब्द से एलर्जी है। हिंदू माने जाने में शर्म महसूस हो रही है। हिंदू हृदय सम्राट कहते ही कुछ लोगों की जुबान फड़कने लगती है, लेकिन हमें ये शब्द कहने में गर्व है, हीरे से पैदा हुए कंकड़ शर्मसार होते हैं।
शिंदे ने कहा कि किसानों को मुफ्त बिजली देने वाली सरकार है। विरोधी कह रहे थे कि प्यारी बहनें प्यारी भाई बन गईं, लेकिन ये हमारी सरकार थी जिसने प्यारे भाइयों को नौकरी दी। पिछले ढाई साल में सरकार की ओर से लिए गए फैसलों पर नजर डालें। हम कहां थे और कहां आ गए हैं..। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा है कि ये वो मुख्यमंत्री नहीं हैं जो कोविड के डर से घर बैठ जाएं। ये जनता के लिए सड़कों पर उतरने वाले मुख्यमंत्री हैं।