बेरूत. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की धमकी के बाद इजरायली सेना लेबनान में तैनात संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल बेस में घुस गई। इजरायली सेना ने सबसे पहले यूनिफिल के गेट को टैंक से उड़ा दिया। इसके बाद इजरायली सैनिक जबरन उनके बेस में घुस गए। इस दौरान स्मोक ग्रेनेड फायरिंग में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल के 15 शांति सैनिक घायल हुए हैं। इन सैनिकों का इलाज स्थानीय अस्पतालों में चल रहा है। इस घटना के चंद घंटे पहले ही प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को फोन करके कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों को अब दक्षिणी लेबनान से निकाला जाना चाहिए।
यूनिफिल ने अपने परिसर के गेट को तोड़ने का आरोप लगाया
यूनिफिल के बयान में इजरायली सेना पर दक्षिणी लेबनान में अपने एक परिसर के द्वार को नष्ट करने का आरोप लगाया गया है। बयान में कहा गया है कि यह घटना आज सुबह रामिया में संयुक्त राष्ट्र के बेस पर हुई। स्थानीय समयानुसार लगभग 4.30 बजे, जब शांति सैनिक बैरकों में थे, दो इजरायली मर्कवा टैंकों ने बेस के मुख्य द्वार को नष्ट कर दिया और जबरन इस फैसिलिटी में प्रवेश किया। इजरायली सैनिकों ने कई बार अनुरोध किया कि बेस अपनी लाइटें बंद कर दे।
ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमला कर सकता है इजराइल
ईरान ने हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत का बदला लेने के लिए 1 अक्टूबर को इजराइल पर 200 मिसाइलें दागी थीं। अमेरिका को शक है कि इसका बदला लेने के लिए इजराइल अब ईरान के सैन्य ठिकानों को निशाना बना सकता है। अमेरिकी मीडिया हाउस NBC ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से ये जानकारी दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका को नहीं लगता कि इजराइल पलटवार में ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों को निशाना बनाएगा। हालांकि, ईरान के एनर्जी इंफ्रास्ट्रकचर पर अटैक की आशंका भी जताई गई है।
वहीं, ईरान ने अमेरिका और मिडिल ईस्ट के कुछ देशों को कहा है कि अगर इजराइल ने हमला किया तो वे जवाब जरूर देंगे। ईरान से तनातनी के बीच नेतन्याहू आज फिर से कैबिनेट की मीटिंग करेंगे।
इसमें ये चर्चा की जाएगी कि ईरान के 1 अक्टूबर को किए गए हमले पर पलटवार कैसे करें। इससे पहले शुक्रवार को भी एक बैठक हुई थी। हालांकि, उसमें कोई फैसला नहीं हो पाया था।