नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) की बैठक में इस्लामाबाद में शामिल हुए। बैठक में जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते। जयशंकर ने पाकिस्तान-चीन का नाम लिए बिना कहा कि सभी देशों को एक दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता देने की जरूरत है।
ये पाकिस्तान पर सुना नहीं गया और वह अपनी औकात में आ गया। शिखर सम्मेलन में जयशंकर ने पाकिस्तान और चीन को नाम लिए बिना ही संकेतों में कहा-सहयोग आपसी सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए। इसे क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता देनी चाहिए। इसे वास्तविक साझेदारी पर बनाया जाना चाहिए। इसमें एकतरफा एजेंडा नहीं होना चाहिए। जयशंकर जब भाषण दे रहे थे तब पाकिस्तान के टेलीविजन ने समिट का लाइव बंद कर दिया।
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि चीन-पाक के गठजोड़ पर प्रहार करते हुए कहा कि क्षेत्र में आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद जैसे तीन शैतानों से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। विदेश मंत्री ने कोरोना महामारी के साथ-साथ इजराइल-हमास-हिजबुल्लाह और रूस-यूक्रेन संघर्षों का जिक्र करते हुए कहा कि ये बैठक बहुत मुश्किल समय में हो रही है। क्लाइमेट चेंज से लेकर सप्लाई चेन तक कई तरह की कठिनाई हैं।
इससे विकास प्रभावित हो रहा है। जयशंकर ने कहा कि SCO की 3 चुनौतियां- आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद हैं। इनसे खत्म किए बिना संगठन अपने मकसद को हासिल नहीं कर पाएगा। संगठन के विकास के लिए मेंबर देशों को एक-दूसरे पर यकीन करने और ईमानदारी बरतने की जरूरत है।
चीन ने कहा-UN चार्टर से हल हो कश्मीर मुद्दा
चीन-पाकिस्तान के 30 सूत्रीय बयान के 25वें बिंदु में कश्मीर मुद्दे का जिक्र किया गया है। चीनी प्रधानमंत्री ने कश्मीर मुद्दे को UN चार्टर से हल करने की बात कही है। चीन ने जोर दिया है कि कश्मीर मुद्दे को दोनों देश शांतिपूर्ण ढंग से हल करें। साथ ही इस समझौते में एक बात यह भी कही गई है कि चीन पाकिस्तान की संप्रभुता की रक्षा करेगा, जो परोक्ष रूप से भारत के लिए है।
शहबाज शरीफ बोले- पाकिस्तान को अमन और शांति चाहिए
शहबाज शरीफ ने SCO बैठक में कहा कि पाकिस्तान शांति, सुरक्षा और सामाजिक आर्थिक तरक्की चाहता है। अफगानिस्तान हमारे साथ जमीनी सीमा साझा करता है इसलिए वहां शांति हमारे लिए जरूरी है। अफगानी जमीन का इस्तेमाल उसके पड़ोसियों के खिलाफ आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए। काफी लोग गरीबी में जी रहे हैं। इससे उनका विकास होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रोजेक्ट को नैरो माइंड सोच के साथ नहीं देखना चाहिए।
SCO का दायरा बहुत बड़ा, इसमें दुनिया की 40 फीसदी आबादी
इसके दायरे में दुनिया की 40% आबादी है। SCO के 9 सदस्य देश हैं- चीन, भारत, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिजस्तान, ताजिकिस्तान, बेलारूस, ईरान और उज्बेकिस्तान। ईरान वर्ष 2023 में इसका सदस्य बना। अफगानिस्तान और मंगोलिया पर्यवेक्षक का दर्जा रखते हैं। संगठन के वर्तमान और आरंभिक संवाद भागीदारों में अजरबैजान, आर्मेनिया, मिस्र, कतर, तुर्किए, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं।
एक दिन पहले पाकिस्तानी पीएम ने दिया डिनर
इससे पहले पीएम शहबाज शरीफ ने मंगलवार रात को SCO नेताओं के लिए डिनर दिया। यहीं PM शहबाज और जयशंकर की मुलाकात हुई थी। पाकिस्तानी PM ने हैंड शेक किया। पिछले साल गोवा में SCO की एक बैठक में जयशंकर ने पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को नमस्ते किया था और हाथ मिलाने से परहेज किया था।