अलवर. सरकारी अस्पताल देखना है ताे एक बार अलवर के एमआईए में संचालित ईएसआईसी मेडिकल काॅलेज (ESIC Medical College) में जरूर आएं। ये फाइव स्टार होटल से भी बेहतर है। यहां मरीज की हर सुविधा का ध्यान रखा गया है। सफाई इतनी बेहतर है कि फर्श भी चमकते हैं। पूरे हॉस्पिटल में बदबू का नाम तक नहीं है।
मेडिकल काॅलेज और 500 बेड के हाॅस्पिटल की बेहतरीन खूबिया हैं। पूरे परिसर काे धूम्रपान मुक्त बनाया गया है। भवन में भी स्माेक डिडेक्टर और आग बुझाने के लिए स्प्रिंकलर सिस्टम लगे हैं। पूरे हाॅस्पिटल भवन में घूमने के बाद सरकारी अस्पताल की नहीं, अपितु एक काॅर्पाेरेट हाॅस्पिटल की फीलिंग आती है। अस्पताल में सिजेरियन और नॉर्मल डिलीवरी स्त्री रोग विशेषज्ञ करा रही हैं।
हड्डी रोग विशेषज्ञ सहित कई विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। हॉस्पिटल में कैथ लैब, ब्लड बैंक, सीटी स्केन जांच की सुविधा उपलब्ध है। जो विशेष जांच हॉस्पिटल में उपलब्ध नहीं हैं, वे ईएसआईसी हॉस्पिटल की रैफर पर्ची पर अलवर के क्योरवेल डायग्नोस्टिक सेंटर पर कैशलेस उपलब्ध हैं।
ईएसआईसी हॉस्पिटल में यूरोलॉजी विभाग िश्खर पर है। यहां फरवरी 2023 से लगातार यूरोलॉजिस्ट डॉ. महेश सोनवाल यूरोलॉजी की सर्जरी कर रहे हैं। उन्होंने बेहद जटिल सर्जरी कर मुकाम हासिल किया है। यूरोलॉजी सर्जरी के लिए जयपुर के ईएसआईसी मॉडल हॉस्पिटल से भी मरीज रैफर होकर आ रहे हैं। नए डीन डॉ. असीम दास के आने के बाद यहां रजिस्ट्रेशन काउंटर दो गुना कर दिए गए हैं, जिससे मरीज को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़े। हॉस्पिटल की लॉबी में भी मरीजाें के लिए वेटिंग एरिया बनाया गया है, जहां सैंकड़ों कुर्सी लगाई गई हैं। पूरा परिसर हरियाली से आच्छादित है, जो मेडिकल कॉलेज को एक अच्छा लुक दे रही है।
हॉस्पिटल में लगी हैं 29 लिफ्ट, 30 बेड के आईसीयू
यहां हर वार्ड मे 6 बेड ही रखे गए हैं, जो एक कॉर्पोरेट हॉस्पिटल में ही देखने को मिलते हैं। सफाई भी ऐसी है कि अभी तक सरकारी अस्पताल मे देखी नहीं होगी। यानी पूरे भवन में दवा की कहीं भी बदबू नहीं है। यहां 30 बेड के आईसीयू और बुजुर्ग मरीजाें के लिए वार्ड हैं, जहां निशुल्क इलाज है। इन बुजुर्ग मरीजों के खाने और नहाने तक की सुविधा मुहैया कराई गई है। जांच की पूरी सुविधा उपलब्ध हैं। मतलब यहां ईएसआईसी बीमित और आम मरीज कैशलेस इलाज की सुविधा ले सकते हैं। हॉस्पिटल में मरीजों को अन्य मंजिलों पर जाने के लिए सीढि़यां हैं, लेकिन फिर भी 29 लिफ्ट लगाई गई हैं। बेसमेट में सेंट्रलाइज एयर कंडीशनिंग सिस्टम लगा है।
1000 की क्षमता का बेहतरीन ऑडिटोरियम और स्टेडियम, बास्केटबॉल कोर्ट भी
मेडिकल कॉलेज परिसर में 1000 लोगों के बैठने की क्षमता का आधुनिक ऑडिटोरियम है, जिसे विशेष लाइटों से सुसज्जित किया गया है। सीटिंग अरेजमेंट भी आधुनिक तरीके से किया गया है। साथ ही स्टेडियम भी आधुनिक तकनीक से बनाया गया है।यहां बैडमिंटन के 4 सिंथेटिक कोर्ट बनाए गए हैं। टेबल टेनिस और जिम की सुविधा भी डॉक्टर्स के लिए उपलब्ध् कराई गई है, जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर रह सके। मरीजों के अटेंडेंट को रुकने के लिए पीआरए उपलब्ध है, जिसमें ग्राउंड फ्लोर पर कैफेटेरिया है और ऊपर की मंजिलों में डबल बेड ओर सिंगल बेड के रूम हैं। यहां चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर डीन तक के लिए आवास की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है।
यहां ईएसआईसी श्रमिकों के बच्चों के लिए 24 हजार में एमबीबीएस
ईएसअाईसी मेडिकल काॅलेज में बीमित श्रमिकाें के बच्चाें काे एमबीबीएस की सुविधा उपलब्ध है। यहां उनका रिजर्वेशन काेटा उपलब्ध है। ये बच्चे मात्र 24 हजार सालाना फीस में ही एमबीबीएस कर सकते हैं। लेकिन इन्हें नीट की काउंसलिग से पहले ईएसअाईसी से सर्टिफिकेट लेना जरूरी हाेता है।
ESIC के देश में अलवर सहित 8 एमबीबीएस के मेडिकल कॉलेज
आपकाे बता दें कि पूरे देश मेंं ईएसआईसी के अलवर सहित 8 एमबीबीएस काॅलेज हैं। जबकि नई दिल्ली, मुंबई अाैर काेलकाता में पीजी काॅलेज और राेहिणी दिल्ली व गुलबर्गा कर्नाटक में डेंटल काॅलेज है। यहां सबसे पहले डाॅ. हरनाम काैर डीन बनकर आई और फिर उनके बाद डाॅ. नंदकिशाेर अल्वा के डीन रहते मेडिकल काॅलेज ने ऊंचाइयाें काे छुआ है। अब काम के प्रति अति संवेदनशील और निपुण डीन डाॅ. असीम दास मेडिकल काॅलेज काे डीन के रूप में मिले हैं। जो इसे बुलंदियों पर ले जाने पर जुटे हैं।
भिवाड़ी, नीमरानरा-बहरोड़ और अलवर शहर से मरीजों को निशुल्क बस सेवा
अलवर शहर, भिवाड़ी अाैर नीमराना-बहराेड़ से मरीजाें काे लाने के लिए निशुल्क बस सेवा संचालित है। अलवर शहर के बस स्टैंड के पास मिलिट्री हॉस्पिटल के पास से निशुल्क बस सेवा संचालित है, जो दिन में दो बार मरीजों को लेकर ईएसआईसी हॉस्पिटल एमआईए में लेकर पहुंचती है। इसलिए अस्पताल की ओपीडी अब 1 हजार से ज्यादा हो गई है।
मेडिकल कॉलेज में इस बार आ रहा एमबीबीएस का चौथा बैच
100 सीट के ईएसअाईसी मेडिकल काॅलेज में अब चाैथा बैच अाएगा। जिसके लिए काउंसलिंग चल रही है। यह काॅलेज अाैर 500 बेड का हाॅस्पिटल वर्ष 2009 में केन्द्र सरकार ने स्वीकृत किया। 36 एकड़ भूमि में नवंबर 20011 में 640 कराेड़ के प्राेजेक्ट पर उत्तरप्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड ने काम शुरू किया। निर्माण करने वाली फर्म जे कुमार इंफ्रा लिमिटेड ने मेडिकल काॅलेज सहित इससे जुड़े भवनाें का वर्ष 2015 मेंं निर्माण पूरा किया। इस प्राेजेक्ट पर सितंबर 2016 तक 800 कराेड़ खर्च हुए। फरवरी 2018 में ईएसअाईसी हाॅस्पिटल का टेक अाेवर कर मार्च 2018 में 50 बेड का हाॅस्पिटल अाैर अाेपीडी शुरू हुई। दिसंबर 2021 में मेडिकल काॅलेज में पहली बार 100 सीट पर नीट से प्रवेश मिला।