दिल्ली. पाकिस्तान के भिखारियों (Beggar) ने सऊदी अरब की टेंशन बढ़ गई है। पाकिस्तान से आने वाले भिखारियों को लेकर पाकिस्तान की सरकार को चेतावनी दी है। पाकिस्तान से हर साल बड़ी संख्या में लोग भीख मांगने उमराह वीजा पर सऊदी अरब जाते हैं।
सऊदी हज मंत्रालय ने पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्रालय से कहा है कि वे इस पर जल्द रोक लगाएं। मंत्रालय ने कहा कि अगर पाकिस्तान सरकार ऐसा नहीं करती है तो इसका असर पाकिस्तानी उमराह और हज यात्रियों पर पड़ सकता है।
सितंबर 2023 की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में गिरफ्तार होने वाले भिखारियों में से 90 प्रतिशत लोग पाकिस्तानी हैं। इन भिखारियों की बढ़ती संख्या से साऊदी अरब सरकार टेंशन में है। हालांकि साऊदी अरब उन पाकिस्तानियों को भी वीजा देने से बचता है, जिनके बैंक अकाउंट में पर्याप्त पैसे नहीं हैं।
इसी साल मार्च में रमजान महीने में दुबई प्रशासन ने इन भिखारियों के खिलाफ अभियान चलाया था। इस दौरान 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था।
भिखारियों को सऊदी भेजने से रोकने के लिए पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने उमराह एक्ट लाने करने का फैसला किया है। इसका मकसद उमराह वीजा दिलाने में मदद करने वाली ट्रैवल एजेंसियों को रेग्युलेट करना और उन्हें कानूनी निगरानी के तहत लाना है।
इससे पहले मंगलवार को सऊदी राजदूत नवाफ बिन सैद अहमद अल-मलिकी और पाकिस्तानी गृह मंत्री मोहसिन नकवी के बीच मुलाकात हुई थी। इसमें नकवी ने राजदूत को यकीन दिलाया था कि सरकार सऊदी अरब में भिखारियों को भेजने के लिए जिम्मेदार माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी।
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने ही कराची एयरपोर्ट पर 11 लोगों को पकड़ा गया था। ये सऊदी जा रही एक फ्लाइट में बैठने की तैयारी में थे। पूछताछ में पता चला कि उनका मकसद वहां जाकर भीख मांगना था।
इसी तरह अक्टूबर 2023 में लाहौर एयरपोर्ट पर एक फ्लाइट में सवार 16 लोगों को प्लेन से उतारा गया था और गिरफ्तार किया गया था। ये भी वहां भीख मांगने जा रहे थे।
पिछले साल सितंबर में ओवरसीज अधिकारियों की मीटिंग में सऊदी अरब ने पाकिस्तान से हज का कोटा देने में सावधानी बरतने को कहा था। सऊदी अधिकारियों ने पाकिस्तान से भिखारियों और जेबकतरों को न भेजने के लिए कहा था।