दिल्ली. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अपनी तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा पर रविवार काे अमेरिका पहुंचे। राहुल ने टेक्सास यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट से भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था और भारत जोड़ो यात्रा को लेकर खुलकर बातचीत की। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भारत में रोजगार की समस्या है। क्याेंकि हमने प्राॅडक्शन पर ध्यान नहीं दिया। भारत अब पूरी तरह मेड इन चाइना हाे गया है। वहां प्राेडक्शन पर ध्यान दिया गया ताे राेजगार की परेशानी नहीं है। भारत काे प्राॅडक्शन पर फिर से परिभाषित करने की जरूरत है।
उन्हाेंने (Rahul Gandhi) ग्लाेबल प्राेडक्शन से जुड़े बदलाव का भी जिक्र किया। आजकल चीन वैश्विक उत्पाद में हावी है। भारत में सभी काे बिना धर्म, रंग और भेदभाव के माैका मिले। हमारा मानना है कि हर किसी को बिना किसी दिक्कत सपने देखने की इजाजत मिलनी चाहिए। भारत में लाेकसभा चुनाव में लोगों को सीधे ताैर पर पता चला कि प्रधानमंत्री संविधान पर हमला कर रहे थे।
मैं जाे कह रहा हूं, वह संविधान में है। राज्यों का संघ, भाषा का सम्मान, धर्म का सम्मान। राहुल गांधी ने कहा कि पश्चिम और भारत दोनों ही नौकरियों के संकट से जूझ रहे हैं। लेकिन चीन और वियतनाम प्राॅडक्शन बढ़ाने के कारण बेराेजगारी जैसी परेशानी का सामना नहीं कर रहे।
चीन के मुद्दे पर भाजपा का राहुल पर पलटवार, उन्हें देश का अपमान करने की आदत
अमेरिका में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भ्ंडारी ने कहा है कि राहुल गांधी चीन के लिए लड़ने को उत्सुक हैं। उन्हें भारत का दूसरे देश में अपमान करने की आदत पड़ गई है। दुनिया को चीन में अगस्त 2024 तक 17 प्रतिशत बेरोजगारी का पता है। क्या राहुल गांधी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से एमओयू के कारण चीन के पक्ष की बात कर रहे हैं। वे भारत में सामाजकि तनाव की बात इसलिए दोहराते हैं कि उनकी फूट डालो और राज करो की राजनीति है।
राहुल से सवाल पूछे ताे दिए करारे जवाब, एक तीर से कई निशाने साधे
राहुल गांधी से स्टूडेंट्स ने जब भारत में गरीबी काे लेकर सवाल पूछे ताे उन्हाेंने कहा कि सरकार की ओर से एक-दाे लाेगाें काे बंदरगाह और डिफेंस के सारे ठेका दिए जा रहे हैं। इसी कारण प्राॅडक्शन सिमट गया है अाैर मैन्युफैक्चरिंग ही हालत खराब है। वहीं कार्यक्रम में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा भी बाेले। उन्हाेेंने राहुल गांधी काे पप्पू कहकर प्रचारित करने के मामले में कहा कि राहुल गांधी अब पप्पू नहीं है, वे पढ़े-लिखे हैं और हर मुद्दे पर गहरी सोच रखने वाले हैं।
मीडिया ने नहीं जाेड़ा ताे हम सीधे जनता से जुड़े, शुरू में घुटनाें में दिक्कत हुई
राहुल गांधी ने कहा कि (Rahul Gandhi) जब भारत में कम्युनिकेशन के चैनल बंद हो गए। लोकसभा में जाे बाेलते थे उसे टीवी पर नहीं दिखाते थे। ये समझ नहीं आया कि जनता से कैसे बात करें। इस पर विचार कर हमने हल निकाला कि अब मीडिया काे माध्यम बनाने के बजाय सीधे मीडिया के बीच चलें अाैर भारत जाेड़ाे यात्रा ये जनता के बीच गए और हमें उन्हें जानने और समझने का माैका मिला। शुरुआत में मुझे घुटनों में दिक्कत हुई। लेकिन कुछ दिनाें बा सब कुछ आसान हाे गया। लाेग कहते हैं राजनीति में प्यार की बातें नहीं हाेती, लेकिन हमने यात्रा में सिर्फ प्यार की बातें ही की।
संसद एक जंग की तरह
राहुल गांधी : पार्लियामेंट में स्थिति एक जंग की तरह होती है। वहां जाकर लड़ना होता है। कभी जंग मजेदार भी होती है। कभी एक दम सीरियस। संसद में अलग-अलग क्षेत्राें से नेता आते हैं। व्यापारी भी आते हैं। प्रतिनिधिमंडल भी आकर मिलते हैं। सभी पक्षों को सुनना पड़ता है।
राजनीति में हर तरह के मुद्दे उठें
जिस मुद्दे को हम नहीं उठाना चाहते हैं, उसे भी अच्छी तरह से समझना चाहिए। किसी मुद्दे को गहराई से समझना होता है। हर एक मुद्दे को नहीं उठाना चाहिए। महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और फिर उसे राजनीति में उठाना चाहिए।
एआई से नाैकरियां नहीं जाएंगी, नए अवसर मिलेंगे
जब नई टेक्नोलॉजी आती है तो ऐसा लगता है कि नौकरियां चले जाएंगी। लेकिन ऐसा नही है। रेडियो आया तब भी चर्चा हुईं। कंप्यूटर और कैलकुलेटर आए तब भी ऐसी चर्चा हुईं। नई टेक्नोलॉजी से नौकरियां ट्रांसफॉर्म होती हैं, जाती नहीं हैं। आज कंप्यूटर ने नई नाैकरियां दी हैं। एआई भी राेजगार के नए अवसर बनाएगा।
भारत में स्किल और शिक्षा में बड़ा गैप
भारत में स्किल और शिक्षा में बड़ा गैप है। कुछ लाेगाें का कहना है कि देश में स्किल की समस्या है। लेकिन ऐसा नहीं है। यहां स्किल काे तवज्जाे नहीं मिलती। भारत में शिक्षा का सिस्टम बिजनेस सिस्टम से मेल नहीं खाता। इसलिए स्किल और शिक्षा में बड़ा गैप है। हमें इसे खत्म करना होगा।